14.10.09

lucki Ram part 9



          मीरा समझ जाती है कि मिराकल हो चुका है \
          तभी लक्ष्मन अपने पीछे लगे स्विच बोर्ड पर लगे कुछ स्विच ऑन करता है\
डॉ०देव  == डॉ ०० मदान !ये तो देख रहा है !
डॉ ० मदान=हू !strange !अंधों से भी अच्छा देख रहा है \अँधेरे में ही स्विच ढूँढ लिए जो कि हमें तुम्हे  दिखाई नहीं दे रहे \
डॉ ०देव == ऑर स्विच बोर्ड उसने उसी रेनबो में ही देखा ...जो हमें नहीं दिखा
डॉ०मदान = यू मीन मिराक्लेही गया \
डॉ ० देव == ओफ़्फ़्कौर्से                    
          तभी लाइट जलती है और लक्ष्मन हैरत से अपने आप को श्री राम की बांहों में पाता है\
श्री राम =  लक्ष्मन !तुम यह दुनिया अब सतयुग के राम की आँखों से देखोगे \और मैं --तुम्हारे शरीर में यह कलयुग भोगूँगा \आँखें मेरी होंगी और शरीर तुम्हारा \
         अपने कानों में गूंजती इस आकाशवाणी से लक्ष्मन खन्ना कंप कंपाना शुरू हो जाता है \तभी डॉ ० उसे व्हील चेयर पर बिठाते हैं और नेत्र चिकत्सा कक्ष में ले जाते हैं \
डॉ ० देवा = आओ लक्ष्मन तुम्हारी ऑंखें चेक करनी हैं \
        दोनों डॉ ०उसे एक computerised आई टेस्टिंग मशीन पर बिठाते हैं\एक डॉ ०मशीन के एक तरफ अपनी आँखें टिकाता है ऑर दूसरी तरफ लक्ष्मन अपनी आँखें टिकाता है \
        डॉ ० को शुरू -शुरू में स्याह अँधेरा दिखता है \फिर एकाएक लक्ष्मन की पुतलियाँ  सफ़ेद दिखाई देनी शुरू हो जाती हैं \
डॉ ० == ओ माय गोड !आई pupil एकाएक व्हाइट हो गया [डॉ चोँक कर चेहरा हटाता हैफिर देखता है ]
        सफ़ेद परदे पर सहसा एक ऑपरेशन थिएटर का रंगीन दृश्य नाचता है जहाँ ऑपरेशन टेबल पर किसी का ऑपरेशन हो रहा होता है \
डॉ ० मदान = हेलो बबलू \this इस  डॉ मदान \बबलू we are going to operate you ...
डॉ ० मदान = बबलू ![लक्ष्मन के सामने से चेहरा हटाता है ऑर मन ही मन बडबडाता है ]गोड!ये तो मेरी ही आवाज है \६ महीने पहले मैंने ही तो बबलू का ऑपरेशन किया था !ऑपरेशन कहाँ था वो ...वो तो म म  मर्डर   नो !
         मदान फिर अपना चेहरा लक्ष्मन के सामने मशीन पर रखता है
डॉ ०मदान = बबलू आँखें खोलो बेटा \
        बबलू का पूरा शरीर हरी चादर से ढका होता है चादर के एक सुराख़ में सिर्फ उसकी एक आंख नजर आ रही होती है ..फटाक ...सहसा उसकी वही आँख खुलती है \
डॉ ० मदन = बबलू अभी हम लोकल अनेस्थेसिया दे रहें हैं \उसके बाद तुम्हे कोई दर्द महसूस नहीं होगा \फिर हम आसानी से आपका मयोपिया का  ऑपरेशनकरेंगे \उसके बाद आपको चश्मा नहीं लगाना पड़ेगा \राईट ?
 बबलू = राईट !चादर के नीचे से बबलू की दबी दबी सी आवाज आती है \
       फिर एक स्पेसिअलिस्ट अनेस्थेसिया मशीन के पास जाताहै \
डॉ ० मदान = डॉ ० देवा [मदान पास खड़े देवा के कान में फुसफुसाता है ]अब तम्हारा काम है पता है न ?
डॉ ० देवा =   ओ के \[देवा मदन के कान में फुसफुसाता है]मैं अभी अनेस्थ्सिया का रेगुलेटर फुल वोलूम[volume] पर कर दूंगा ऑर बबलू मर ...ऑर नाम आयेगा specalist रमाकांत पर कि उसने overdose दे दी \
        दोनों डॉ ० के पास खड़ी नर्सें व सहायक उनकी सरगोशियाँ नहीं सुन पाते\ वैसे भी उन सब ने मास्क पहन रखे होते हैं \
        रमाकांत एक काले रंग का मास्क लेकर बबलू के पास पहुँचता है ऑर बबलू के चेहरे का हरा फ्लाप उठाकर काला मास्क उसकी नाक के आगे रखता है \उधर डॉ ०देव मशीन के पास चला जाता है
रमाकांत = बबलू \ज़रा गहरी सांस लो --डॉ ० देवा आप ज़रा रेड स्विच ऑन करना
डॉ ० देवा = ओ के \[कहता डॉ ० रेगुलेटर घुमा देता है ..५ अंक पर नजर आती सुई १३ अंक पर पहुँच जाती है \साथ ही वो रेड स्विच ऑन कर देता हैउधर बबलू गहरी सांस लेता है ऑर गैस उसकी नाक द्वारा बॉडी में जा पहुँचती है \
           डॉ ० देवा रेगुलेटर नोर्मल करता वापिस पहुँचता है
डॉ मदान = बबलू \आँख बंद करो बेटा \
           बबलू की आंख बंद नहीं होती \सिवाय दोनों डॉ ० के कोई नहीं जान पता कि बबलू की आंख नहीं ,आँखें सदा सदैव के लिए बंद हो चुकी हैं \
 डॉ ० मदान = राईट! आंख बंद नहीं कर पा रहा ,मतलब बेहोशी का सही असर है \now we can operate
           उसके बाद दोनों डॉ ० ऑपरेशन करने में जुट जाते हैं \एक मुर्दे का ऑपरेशन जिसे कभी चश्मा न लगाना  पड़े \
          मदान अपना चेहरा एकाएक लक्ष्मन के सामने से हटाता है ऑर खोफ्फ़ से कंपने लगता है \
लक्ष्मन = काय कू काम्पेला ..मेरी आँखों में ऐसेच  क्या देखेला कि मिर्गी पड़ेली \
डॉ ० मदान = व व वो म म मैं अभी आया ...तुम हिलना नहीं हिलना नहीं
लक्ष्मन =  मैं काए कू हिलेगा ...पटना हीले कलकत्ता हीले ००० दिल्ली  हीलेला ...ओ मोरी ००० लचके जब नजरिया ...ओ सारी दुनिया हीलेला ..जय श्री राम !
         डॉ ० मदान देवा के केबिन में पहुँचता है
डॉ ० मदान =  देव देव !वो लक्ष्मन की आँखों में बबलू का पूरा ऑपरेशन दिखाई दे रहा है डॉ ० देवा =    व्हाट ![वो उछलकर खडा होता है ]
डॉ ० मदान =  हाँ !याद है ऑपरेशन के दोरान एकाएक ही नर्से चीख पड़ी थी --पेशंट की पल्स बीटगायब है ऑर हमने बबलू को dead दिक्लयेर कर दिया था \
डॉ ० देवा =     हाँ ऑर सारा दोष रमाकांत पर ही आया था -वो आज भी judicial कस्टडी में है \जबकि हमने आधे घंटे बाद ही बबलू की आँखों के दोनों कोर्नेया निकाल लिए थे ऑर मंत्री वागले की आँखों में ट्रांस प्लांट कर दिए थे \नतीजे में हमें ५ ५ लाख इनाम में मिले थे ...ऑर तुम कह रहे हो यह सब तुम्हे लक्ष्मन की आँखों में दिखाई दिया \
डॉ ० मदान = हाँ हाँ -तुम भी चलकर देखो \अपने जिन पापों को हम कर के भूल भी चुकें हैं वो पाप उन पराई आँखों में दिखाई दे रहें हैं
डॉ ० देवा ==  नो !नो १
        दोनों डॉ ० तेज क़दमों से वार्ड की तरफ भागते हैं \
डॉ मदान  = देवा !ये आदमी खतरनाक है हमारे लिए ...कुछ करना होगा ...बबलू जैसा ही कुछ करना होगा ..अभी दो चार दिन ये हॉस्पिटल में ही रहेगा \
दो ० देवा   = चुप !अभी किसी नतीजे पर पहुंचना ठीक नहीं \
        दोनों कक्ष में पहुँचते हैं ऑर देवा लक्ष्मन की आँखों के समक्ष बैठता है \
        अंधकार के बाद सफ़ेद पर्दा आ जाता है ऑर पाहते ही दृश्य में देवा अपना पहलु बदलने लगता है [सीन उसके अपने ओ पी डीरूम का ही होता है ...

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