7.10.09

LuckiRam-part 2

 [लक्ष्मन मीरा को लेकर अपनी मारुती ८०० में बैठता है ऑर दिल्ली के लिए निकलता है ]
                 [दोनों  गाड़ी  में बैठे हैं |लक्ष्मन ड्राइव कर रहा है |दोनों की आँखों में आंसूओ की झील नजर आ रही है |]
ट्रिन ट्रिन...[तभी लक्ष्मन का मोबाइल बजता है |उसकी मदर की कॉल आई होती है ]
लक्ष्मन==मम्मी मम्मी [वो कॉल रस्सीव करता है ]किदर है तुम ?
मम्मी ==सुन !वो न मुझे देख रहें हैं |अभी अभी बाहर गए हैं|
लक्ष्मन ==क कोन देखा तुमेरे को |किदर को निकला वो मेन ?
मम्मी===वो जो सामने हैं न फोटू वाले |
लक्ष्मन==मम्मी मम्मी वो साईं बाबा जी का कलेंडर है |तुमेरे को लगता वो तुमेरे को देखेला है ,वो अखा दुनिया को देखेला है
             वो कहीं नहीं जाते |कलेंडर में ही रहते हैं|
मम्मी == हट !झूठ बोलता है /वो मैं अभी अभी बाहर निकली वो मेरे मेरे पीछे पीछे आये /वो तेरे पापा जी हैं ...
लक्ष्मन==ओ गोड !क्या करूं इस मॉम का /पापा की मो़त के बाद पगला गई है /कभी साईं बाबा जी को पापा बोलती है ...कबी
             बेटी को बहु बोलती ..बैठे बैठे गायब हो जाती ..ढूँढो तो पता चलता एक कि० मी ० दूर हलवाई के पास बैठी..कबी वो
             लोगां इसको घर छोड़ने आ रहे होते ,कबी ये किसीके साथ जा रयेली होती ..लगता है सारी हिस्ट्री सारी मिस्टरी मेरे
             ही घर में घुसेली /
मम्मी ==क्या बुड बुड कर रहा है ..सुनाई नहीं दे रहा
लक्ष्मन==तुम अब किदर मम्मी ?
मम्मी ==मैं ऑटो में ...आ रही हूँ ..तेरे पास
लक्ष्मन==ऑटो में !..दिल्ली टू हरिद्वाए !!..साथ कोन तुमेरे ?
मम्मी ==ड्राईवर है /ऑर तेरे पापा जी /
लक्ष्मन==पापा जी !यू मीन साईं बाबा जी !!..वो किदर ?
मम्मी ==ऑटो के पीछे हैं ..साइकिल पर
लक्ष्मन==ओ मम्मा ..तुम फोन जरा ड्राईवर को दो /
मम्मी ==वो ऑटो कैसे चलाएगा ..
[मीरा की आँखें इस वार्तालाप पर भ्हीग जाती हैं लक्ष्मन भी इधर उधर सर झटकता है ]
मम्मी ==...पता है अभी ऑटो वाले ने क्या किया ..इसने न मेरी पीठ के पीछे से मेरी हड्डी निकाल ली ऑर टयेर [व्हील ]में
              लगा ली ...मेरी हड्डी नहीं है अब ,मैं हिल भी नहीं पा रही ..
लक्ष्मन==उसने डिग्गी में से 'पाना ' निकाला होएंगा ऑर टयेर  बदला होएंगा ,तुमने हड्डी गायब समझ ली /तुम फोन जरा
              ड्राईवर को दो ,वो तुमेरे को घर छोडेगा ऑर मैं आ रहा हूँ बस ..ये देख, घर के बाहर ही खडेला हूँ /
मम्मी ==झूठ  बोलता हैं माँ से ..मैं फोन काटली/मैं हरिद्वार आयेली /आयेला आयेला बहुत करता न तू /पर आता कब?
लक्ष्मन==ओ गोड गोड ![लक्ष्मन भीगी आँखों से अपना माथा पीटता है ]
              [लक्ष्मन फोन ऑफ करके डशबोर्ड पर फेंकता है ]
मीरा ==लक्ष्मन इस सबके पीछे वजह क्या है ?
लक्ष्मन==मीरा घर टूटेला न...तो ऐसा ही होएला /सब तिनका तिनका बिखरेला है /हर घर की अयोध्या लंका  बनेला है /
मीरा ==इसके पीछे भी तो कहानी होगी कोई ?
लक्ष्मन==घर घर की यही कहानी ...jealousy,selfishness.greed,complexes ,differences...कोई घर छोड़ के जायेला ..कोई
            पग्लायेला ...कोई दुनिया छोड़ कर जायेला ...[लक्ष्मन मीरा की भीगी आँखों  में झांकता है ]...ऑर कोई सात जन्मों की दुश्मन से दिल लगाएला है /