Pages

16.10.09

lucki Ram part 11

        लक्ष्मन भुन भुनाता हुआ बाहर निकलता है \पीछे पीछे श्री राम भी प्रकाश पुंज के रूप में बाहर आते हैं
        बाहर लक्ष्मन मुंह फुलाए खडा है \राम उसके कंधे पर हाथ रखते हैं \
श्री राम  = जो तुमने देखा लक्ष्मन ...वो मैंने भी तो देखा ..ऑंखें तो मेरी ही हैं \
लक्ष्मन  =  वो सब मैं जानता भाई ..पण मेरे कू भी तो बताइए कि मैं अपनी मुंडी कब देखेगा ...मैं जब जब mirror देखेगा लोगां के पाप दिखेगा    different different सांप दिखेगा
श्री राम  =  मुझे भी यही दिखेगा \क्या तुम चाहते हो कि भैया राम भी यह सब गन्दगी देखें \
लक्ष्मन  =  नो नो !नेवर !मैं कबी नहीं चाहेगा कि भगवान् राम ये सब गन्दगी देखें ..पण मैं क्या करूं   कोई रास्ता भी तो सुझाइए
श्री राम   = रास्ता है \
लक्ष्मन  =  आईला १
श्री राम =   जब जब तुम्हे पाप नजर आये ,जहाँ जहाँ तुम्हे सांप नजर आये तुम उसे मिटाते जाओ \
लक्ष्मन  =  यू मीन मर्डर !
श्री राम  = वध ...
लक्ष्मन  = वध-- ओ के दिस  इज नोट मर्डर ..वध बोले तो हत्या ,कत्ल .खून ,बट नोट मर्डर ...यू नो ब्रदर दिस इज नोट कलयुग ...इदर आई० पी ०सी ० [इंडियन पीनल कोड] के किसी भी सेक्शन में वध वाला क्लॉज़ नहीं है ...एक वध की सजा १४ साल की सजा या फिर ऐ०००० [लक्ष्मन जीभ बाहर निकाल कर दिखाता है ]फांसी ०० !टू बी hanged टिल डेथ \समझे ?
श्री राम  = समझूं तो तब जब तुम कुछ कहने दो...मैं कहने जा रहा था वध किसी समस्या का हल नहीं   तुम्हे लोगों को बदलना है .. किसी को उसके किये की सजा दिलवानी है तो किसी का मन बदलना हैउसकी आत्मा बदलनी है ताकि वो पुनः पाप के मार्ग पर न जाये \
लक्ष्मन  = आप क्या सोचता वो लोग मेरे कू छोड़े गा जो अपनी अपनी dokumentary मेरी आँखों में देखेगा ?
श्री राम = यही तो मैं चाहता हूँ कि पापी घबराकर तुम्हारे पास आये \अपने किये का पश्चाताप करें \अगर वो न आ पायें तो तुम उनके पास जाओ    उन्हें सजा दिलवाओ \
लक्ष्मन  = ऐ भाई ...दिस इज इंडिया !इदर् हर तीस मिनट में रेप होता और एवरेज ५ साल में रपिस्ट को सजा मिलता \इदर हर साठ मिनट में मर्डर होता और १३ साल में murderer को सजा मिलता वो भी तब जब मामला हाई प्रोफाइल हो \मीडिया पीपुल पीछे पड़ा हो -otherwise तो मामला पेंडिंग ही लटक जाता ..या विक्टिम चला जाता या accused ..और आप कहतें हैं ऐसे लोगां को मैं कानून के हाथों सजा दिलवाए ..आप देखिये गा अबी दोनों डॉ ० मेरे कू सजा देने के वास्ते पहुँचता ही होएंगा ,बस रास्ते में ही होएंगा ,यू नो ये मेरा इंडिया ..मेरा भारत महान ,सो में नब्बे बईमान \
श्री राम  = मुझे दुःख है कि मेरे लक्ष्मन की भी वही सोच है जो एक आम आदनी की सोच है
लक्ष्मन  = तो आप क्या चाहता ?
श्री राम  = मैं जानता हूँ अब तक तुम नाकामयाब रहे हो ..आजीविका कमाने के लिए किसी भी काम में तुम्हारा दिल नहीं लगा ..तुम कई बार कहते रहे हो कि लक्ष्मन सतयुग का आदमी है जो गलती से कलयुग में पैदा हो गया ...तुमसे जिया नहीं जा रहा इस दुनिया में ...
लक्ष्मन  = भाई ,आप क्या चाहता ?
श्री राम  = ...तुम्हे अपने कार्य से संतुष्टि नहीं थी वो क्या कहते थे अंग्रेजी में
लक्ष्मन  = ज ज जॉब satisfaction [इन्ही शब्दों के साथ ही लक्ष्मन सोच्मगन हो उठता है ]
श्री राम  = ...तुम दुनिया के लिए कुछ karnaa चाहते थे \तुम्हे dharti पर पाप ,दुराचार ,अत्याचार ,भ्रष्टआचार और शुक्राचार्य ..
लक्ष्मन  = व्हाट !आप जानता उस मदारी ...
श्री राम  = चुप्प ...बहुत महान व्यक्तित्व है वो ...और भविष्य में तुम उनके लिए कोई अपमानजनक शब्द नहीं बोलोगे \वो धरती पर तुम्हारी ही कहानी लिखने आये हैं \
लक्ष्मन  = जैसे बाल्मीकी जी ने आपकी लिखी थी\
श्री राम  = ...और उनके पूर्वजों ने ही तुम्हारे पूर्व जन्मों  की कहानियां लिखी ...
लक्ष्मन  =  आईला १मेरे लिए कोई ग्रन्थ लिखेला ..बोले तो अगले किसी युग में मैं भी पूजा जायेगा \
श्री राम  = इस जनम में वो तुम्हारे ही कुकर्मों की कहानी लिखने आये हैं \तुम जरूर जाने जाओगे बशर्ते की अपने पूर्व जन्मों के पापों से बाहर निकलो
लक्ष्मन  = आप जानते वो मेरे को क्या बोले ?
श्री राम  = वो बोले क्या ...वो तो होना भी शुरू हो गया ..उसके लिए तो हमने धरती पर जनम भी ले लिया और लक्ष्मन के रूप में चोला भी धारण कर लिया \
लक्ष्मन  = इट मीन्स मेरे पर जो भी मुसीबतें आएँगी ,,जो भी दुःख आयेंगे ..
श्री राम  =वो राम भोगेगा \
लक्ष्मन  = व्हाट ![लक्ष्मन उछलता  है ]यू नो वो मदारी ..सॉरी..वो शुक्र चरया मेरे कू बोले कि मीरा ऑर मैं जनम जनम के दुश्मन ..कबी मीरा मेरे कू मारा..कबी मैं मीरा कू मारा ..मीन्स ..आप मुझे बचायेंगे इस सबसे ?
श्री राम  = मैं वो भी भोगूँगा \
लक्ष्मन  = मतलब भगवान् होकर भी आप, मुझे बचायेंगे  नहीं --भोगेंगे \
श्री राम  = मैं भोगने आया हूँ ,बचाने नहीं \मैं बदलने आया हूँ बनाने नहीं
लक्ष्मन  = मतलब ?
श्री राम  =हर किसी को बचाने की ताकत मुझमे नहीं \न ही हर किसी को बनाने की ताकत मुझमे है \हर कोई धरती पर बचने लगे तो धरती पर कोई मरेगा नहीं और धरती पर बोझ बढता जायेगा \ हर कोई 'बनने ' लगे तो जो बनना [development] है वो कब बनेगा ?कोन बनाएगा ?
लक्ष्मन  = समझ गया भाई !लक्ष्मन आपकी नजर में हर कोई ही है \हर किसी ही है हं ०० काहे का मैं लक्की ,काहे का मैं लक्ष्मन \
श्री राम  = लक्ष्मन विषय का मर्म समझो ...मुझे कलयुग में रहने की सजा मिली है =अगर चाहते हो कि मैं तुम्हारी अनकहीं से पाप न देखूं तो पाप मिटाओ ..अगर चाहते हो ,मैं तुम्हारे पूर्व जन्मों के कुकर्म नो भोगूँ, तो अपने कर्म बनाओ ..और मुझे
बचाओ ..बेकार की बहस न बढाओ\मनुष्यों की लडाई मनुष्य बनकर ही लड़ी जा सकती है और वो मनुष्य तुम हो-- तुम \
लक्ष्मन  = सार्री भैया ..मैं भूल गया था कि प्रभु से बहस नहीं की जाती [लक्ष्मन पहली बार संजीदा होता है ]उनका तो सिर्फ हुकम माना जाता है ..मुझे क्या करना होगा ?
श्री राम  = पहले तुम बदलो ..उसके बाद लोगों को बदलो \
लक्ष्मन  = जो न बदले ...जो मुझे बदलना चाहे ...जो बदला लेना चाहे ?
श्री राम  = उसकी दुनिया बदल डालो ..फिर भी न माने तो ,उसका लोक बदल डालो \प्रेम और युद्घ में सब जायज है \
लक्ष्मन  = यू मीन --वध!नोट मर्डर बट वध
श्री राम  = वध आखिरी हथियार है   वो भी तब ..जब कोई चारा न रहे \कोई और चारा न बचे ..कोई और सहारा न बचे \
लक्ष्मन  = आपकी आज्ञा सर आँखों पर ...आज के बाद लक्ष्मन का सबसे बड़ा यही है अरमान ,जब कोई कहे ,मेरा भारत महान ,पर तब ,जब सो में नब्बे राम !

No comments:

Post a Comment

what r your opinions about KAALI/KIDNEY/TATA and LUCKI-RAM ?Pl. e mail or post a comment.