Pages

19.8.10

Kaali-FREE SUSPENSE THRILLER TO READ

Kaalinew1pdf.pdf


TO READ FREE NOVEL,CLICK ABOVE LINK. 



https://docs.google.com/fileview?id=0B2KSsa5Yy61TOGY3MTM1YzMtN2M4My00MGY4LWI3YjEtZDBjNGJiZGU3Yzcz&hl=en
Click to open:
Initially u will get a cloudy image 4 a second.I request everybody 2 read atleast 30 pages then leave it.You can also draw its printouts.
Google Docs makes it easy to create, store and share online documents, spreadsheets and presentations.
Logo for Google Docs

11.8.10

KAALII-THEME AND STORYLINE

Kaalii-A kid met with an accident and died.Before death his blood was transfused to accused ARJUN NAGPAL,the famous detective,who was the main culprit for this accident.Suddenly detective turns into brutal murderer and become most wanted criminal.Thus, been ordered toSHOOT AT SIGHT.
Dev singh rajput,a police officer and Arjun"s dedicated friend comes for his rescue but fails.In the meantime Arjun kills 4 persons, including Dr.Archna whom he had visited for his treatment.
Shanktula sharma,MLA,mother of dead kaalii sharma,previously involved in many murders ,got stunned when Kaalii's accidental dead body found in her car,whom she had killed 5 yrs. ago.She exclaimed and enquires from her securitychief Looka who was co-culprit. Both dug out that grave where the Kaalii buried...When coffin opens...the mystery more dig-in.
On the contrary,Arjun caught red handed with a revolver and taken to the police headquarter where he is supposed to be killed.
Now the series of actions take place.
Arjun declares to kill the Radha, Dev's wife, though Dev wants to save his friend...Naina,Arjun's beloved,also in the hit-list of Arjun...Shanktula faces Kaalii.s murder charges...and many more heartthrobing scenes which are never shown in a movie.
Rightnow, Novels are in both Hindi/English versions.
Remember, feelings and emotions of the characters could be felt better in HINDI for a hindi known person as in Hindi Movies.
Lots of Twists,Turns,Actions and Emotions are GUARANTEED.
A Fultoo 7 days entertaining Joyride which would,nt let you to sleep till its The End.
I personally insist and request you to read just 20 Pages thereafter book itself enforce you to finish it.
TO BUY SEE BELOW==

10.6.10

Apology

As I knew that some of my blog activities are delivered 2 those whom I had submitted my novel 'KAALI'either 4 movie theme or to convince them 4 free reading at my blog .I am extremely sorry if they had recieved such mails which were just went by DEFAULT.
Thanks!Have A Good Day!
narindernagpal.blogspot.com

27.4.10

ABOUT THE AUTHOR AND NOVELS

To

-------------------------------
-------------------------------
-------------------------------
-------------------------------



SUB : Seeks some dialogue writings and TV serials assignments

Sir/Madam,
I, Narinder Nagpal, by profession a writer, have written about 130 Novels, 34 General Books, few documentaries, project reports, speeches, Anchor scripts, stand up comedies and the scripts for some private professionals in English, Hindi, Urdu and Punjabi. Since 1992 I am dealing with the publishers and producers of this relevant field.
For Mumbai, I am having few movie themes and Tv serials projects that's why I have come here and staying from 2 May to30 May.
Please remember, It did not take 22 hours to reach you from Delhi to Mumbai. It took 22 years to reach you.Therefore I hope to be heard atleast with concerned people with a proper appointment.
As a Creative writer, I assure you – that all of my subjects will be untold and unseen in nature and you can also check my diologues writing abilty at trial basis.
Yours Sincerely
NarinderNagpal



18.1.10

LUCKI RAM--part 1&INTRODUCTION

                                                           परिकल्पना
                                                            
ये टी.वी [टेक्स्ट  विजियन] कहानी  कलयुग के लक्ष्मन खन्ना की है जो प्रभु  राम के सपने देखता है यद्यपि इस बात का फैसला हम अपने  पाठकों  पर छोड़ते हैं कि लक्ष्मन खन्ना की आप बीती किसी स्वपन के रूप में दिखाई जाये या हकीकत के रूप में -क्योंकि कहानी का परम उद्देश्य पाठकों को मनोरंजन परोसते हुए कुछ तथ्यों ,कुछ विषयों ,विसंगतियों से अवगत कराना है जो हमारे समाज में कोढ़ की तरह फैल चुकीं हैं और कुछ फैलती जा रहीं हैं |कहानी  का एक मात्र उद्देश्य ,पाठकों के अंतर्मन में सत्य ,पुण्य ,और संमार्ग पर चलने की 'अलख 'जगाना है १
          ये  कोई epic नहीं ,documentary भी नहीं ,बस अपने अंतर द्वंद्वों से जूझते हुए .स्वयं को जानने, पहचानने और परखने की छोटी सी कोशिश है 1 अपने को बदलने का जरा सा प्रयास है १
           मनोरंजन की  दृष्टि से इसमें सभी मसाले ,सभी व्यंजन परोसे गए हैं १ कभी horror कभी terror ,कहीं action कहीं emotion ,कभी comedy कभी remedy ,कहीं luxury कहीं necessety,कभी adventure कभी literature ,कहीं mystery कहीं
 history ,कभी scheme कभी scam
============Disclaimer :.इस धारावाहिक के सभी पात्र ,नाम ,स्थान काल्पनिक हैं जिनका किसी भी जीवित या मृत  व्यक्ति से कोई सम्बन्ध नहीं है \समानता सिर्फ संयोग से हो सकती है \कहानी में कुछ पुराणिक नामों का चरित्रण मात्र कथ्य को मार्ग दर्शनीय बनाने के लिए किया गया है \यह disclaimer कहानी के सभी पार्ट्स पर एक सामान लागू होगा अतः हर पार्ट में अलग से नहीं दिया जायेगा ताकि कहानी  पड़ते वक्त पाठक की रवानगी न टूटे \
==============================
Lucki Ram पार्ट 1
  • लक्ष्मन खन्ना  अपनी प्रेमिका के साथ नदी  तट पर है | उसने हाथ में पकडा अस्थि-कलश झुककर नदी में बहा दिया| इसी दोरान पंडित मंत्र पढ़ता मरने वाली की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता रहा|फिर लक्ष्मन धोती पकड़ता नदी से बहार निकला|अंततः  पंडित को दक्षिन| देने के बाद लक्ष्मन ने धोती बदली और शर्ट पैट  पहन कर प्रेमिका मीरा के साथ तट पर ही विचरने लगा|

   लक्ष्मन=        मीरा ,तुम मेरे  को कबी बताया नहीं  कि तुमेरी बी  एक  मम्मी  है |
   मीरा==          व्हाट  नॉन सेंस  लक्की , मम्मी तो सबकी होती है ...
 लक्ष्मन=          नो  नो  आई मीन टू से ,प्रेवियस्ली   यू  नेवर टोल्ड मी  दैट यू  हैव गोट ऐ मदर ,हू  लिव्स इन 
                       हरी द्वार |दिस होली प्लेस !
   मीरा==          अब छोडो भी , चलो ना घूमते हैं |
   लक्ष्मन=        मैं पूछ  के रहेगा -टेल मी , मम्मी यहाँ क्यों रहटी थी |तुम मेरे को तबी क्यों बताया जब वो गोड के पास चला           
                      गया |जब तुमरे को उनके क्रेमेशन  के वास्ते मेरी जर्रूरत पड़ा |अब तुम मेरे को इसलिए बताया ना ,मजबूरी मे      
                      बताया ना ,ताकि मैं तुमेरी मम्मी का क्रिया -क्रम यहाँ आकर कर सके |
    मीरा==        लक्की ,ये एक लम्बी कहानी है |
    लक्ष्मन=      मैं जानना मांगता ,यू नो ना ,मैं तेरे को भोत लव कर्ना  मांगता |डू यू नो आज मेरे को कितना दुःख लगा |
                      कितना पेन हुआ इदर में [लक्ष्मन मीरा का हाथ अपने धड़कते दिल पर रखता है ]नॉव,टेल मी  ,व्हाट इज  द
                      मिस्टरी बीहाइंड दिस ?
     मीरा==       ओफ्फो !अब बस भी करो |नाओ-जस्ट shhuttup 
     लक्ष्मन=    ओ के -यू बक अप...बक अप ...
     मीरा==       लक्की !कुछ बातें बताने की नहीं होती|
     लक्ष्मन=     इट मीन्स यू डोंट लव मी |
     मीरा==        आई डू-आई डू ,बट दिएर आर सम  पर्सनल मटर्स...क्या तुमने कभी बताया कि तुम्हारी फॅमिली में क्या 
                      प्रॉब्लम है ...क्यूँ तुम लोग झाडू   की तरह तिनका तिनका  बिखरे पड़े   हो |
     लक्ष्मन=     ओह गोड ! ये मजमा कई  को  लगेला |
     मीरा==         अपनी बारी आई तो बात बदल गए |
     Lअक्ष्मन=     कम ओंन कम ओन्न ...देखते हैं [लक्ष्मन मीरा को भीड़  की तरफ खींचता है ]कोई राडा दीखता है |
                      [मीरा लक्ष्मन के  पीछे -पीछे  खिंचती है ]
     लक्ष्मन=      ए भाई ए भाई ,पीछू हटने का है, काहे को खाली पीली भंकस करेला |
                      [लक्ष्मन भीढ़ को  खदेड़  कर मजमे की वजह देखता है |वहां एक ज्योतिषी अपना दरबार लगाये बैठा था ]
     आदमी=          तू  कोन बे [एक युवक चिंघाढ़ता है ]
     लक्ष्मन=       तमीज से .तमीज से... धडाक[लक्ष्मन का घूँसा युवक को padta है ]तमीज से बोलने का है नहीं तो दांत तोड़ 
                     डालेगा ...
     मीरा==       लक्की ,बिहऐव यौर सेल्फ |
     लक्ष्मन=    ए भाई, तुम काहे  को फढ़ लगाये ला ...किदर का मदारी तुम ...अबी सांप -नेवले का गेम दिखायेगा  ..सांप 
                     नवेला फोड़ेगा या नवेला सांप फोड़ेगा ...तुम लोगों को सट्टा लगवाएगा ...१ का १०,सांप पर १ का १० ...नेवले 
                     पर १ का ४ ,१ का ४ ...
     मीरा==       लक्की लक्की -कम ओन्न [मीरा उसे भीड से दूर खींचती है]
                        [मजमे में बैठा ज्योतिषी उन्हें एकटक घूरता चला जाता है |उसकी निगाहें उनके माथे पर ही टिकी  रहती हैं 
                     जबकि लक्ष्मन मीरा के साथ मजमे से बाहर खिंचता चला जाता  है कि--
     पंडित==       असंभव !अचरज !घोर अचरज !पिछले सात जन्मों के दुश्मन एक साथ ...लिए हाथों में हाथ 
                       [लक्ष्मन मीरा के हाथ छूटते हैं और चेहरे स्लो मोशन में बाबा कि तरफ मुड़ते हैं ]
     लक्ष्मन=     व्हाट व्हाट -क्या बोला तुम [लक्ष्मन बाबा कि तरफ बढता है]...पिछले सात जन्मं के दुश्मन हम ..यू मीन    
                     एनेमीज 
     पंडित==       हाँ !और इस जनम में भी ये लड़की तुम्हारी दुश्मन बनने जा रही है ...देखना तुम्हारी हत्या करने जा रही है 
     लक्ष्मन=    पंडित ००० 
     मीरा==       हं ००० [मीरा हकबका कर चारों तरफ देखती है ]
                     [लोग भी दोनों प्रेमियों को हमदर्दी भरी निगाहों से देखने लगते हैं ]
     पंडित==       लक्ष्मन!तुम हद से हद सात दिन के मेहमान हो |उसके बाद मोत...
     लक्ष्मन =     हे हे 1 मैं तुमरे को अपना नाम कब बताया ?
    पंडित =      मैं सब जानता हूँ |ये मदारी हरिद्वार का जाना माना विद्वान् है जिसे भूत -भविष्य का ज्ञान है |लोग मेरे पास पता 
                     नहीं कहाँ कहाँ से आते हैं ,ऐसे थोडी नां हम पंडित शुक्राचार्य कहलाते हैं |
   लक्ष्मन=    मैं बी सब जानता |शुकर के दिन अचार लेके पैदा हो गए ...और बन गए शुकर अचार ...पण मैं तुम्हेंरे को छोड़े
                     गा नहीं ...छोडेगा नहीं ...कैसे कैसे ख्वाब देखा मैं ...कैसे कैसे ड्रीम सीक्वंस  में duet  गाया मैं...मीरा संग सात 
                     जनम का गोडपरोमिस किया मैं ...और तुमने पल में ही कचरा कर डाला ...हमेंरे को सात जन्मों का दुश्मन         
                     बना डाला--काए कू |
   पंडित=       क्योंकि पहली बार तुमने ही मीरा की हत्या की थी |फिर अगले जनम में इसने तुम्हारी हत्या की और अपना   
                     बदला लिया |बस ...फिर ये दुश्मनी बड़ती ही गयी|
   मीरा==         दुश्मनी बढनी ही थी तो एकाएक प्रेम में कैसे बदल गयी ?
   पंडित=        प्रेम ने तुम्हे करीब लाना था ,तुम्हे मिलाना था ...ताकि सही वक्त आने पर रानी लकोंति फिर से अपना इंतकाम 
                      ले सके |
   मीरा==         अब ये रानी लकोंति कौन है ?
   पंडित==         सबसे पहले जनम में यही तुम्हारा नाम था |
   लक्ष्मन=      ओ भाई गंगू रामसे |दो चार सो ले और पीछा छोड़ मेरा [लक्ष्मन पर्स निकालता है ]लगता हैं तुम horror    
                     फिल्में भोत देखेला है ...मैं पैले इसका मर्डर कियेला ...फिर ये मेरा कियेला हं हं हं 
   पंडित==         हींहीं हीं [पंडित शुक्राचार्य रहस्यमयी हंसी हंसते हैं ]
   मीरा==         पंडितजी !आप इतने विश्वास के साथ कैसे कह सकते हैं ?
   पंडित==         मेरे पास विश्वास नहीं आधार है बेटी |देखना ,तुम्हारी प्रेम कहानी का ग्रन्थ मैं ही लिखूंगा |
   लक्ष्मन=      और पिछले सात जन्मों से तू ही लिखेला है |टेल मी हाउ ओल्ड ऑर यू ?तुमेरा एज कितना ...४०६ साल ...या 
                     ६०५साल ...हं हं हं 
   पंडित==         बेटी ये मेरा मजाक उड़ा रहा है | 
   लक्ष्मन=       नो !आएम सीरियस |टेल मी अमारे पिछले जनम का स्टोरी कोन लिखेला ...तुम लिखेला तो तब ...तू कितने 
                     बरस का ...१६ ,१७ नईं नईं नईं ...मिल ना जाएँ नैना ...इक दो बरस जरा  दूर दूर रहना ...
   पंडित==        बेटी!ये अब भी मेरा मजाक उड़ा रहा है ..गाना गा रहा है 
   मीरा==         पंडित जी ये मजाक नहीं उड़ा रहे |इनका अंदाज ही कुछ ऐसा है |
   लक्ष्मन=       यू नो पंडित !अंदाज अपना अपना |मिजाज अपना अपना |मैं जान गया तुमरे को ...मेरा अरमानी का सूट देख 
                      ... राडो की घडी देख ...तू हमरे को बकरा बनाएला है ...definitely  यू नो ना, पप्पू कांट डांस साला ...अब तुम 
                     ३१०० ,२१००  से कमती क्या मांगेगा ...सर्टेनली तुम हमेरा राहू - केतु  भाई लोग सीधा करना मांगता...शनि  
                     बॉस  की टेड़ी चाल ठीक ...
   पंडित==         खामोश [शुक्राचार्य चीत्कार करते हैं ]तेरी मोत अब तय ही समझ ऑर ...
   लक्ष्मन=      ऑर [लक्ष्मन खन्ना एकाएक सीरियस हो जाता है ]
   पंडित==          ऑर कोई खुदाई ताकत ही तुझे बचा सकती है वो भी तब ...जब ३१ भक्तों की भीड़ तेरे  साथ हो ले ...
   लक्ष्मन=       ए ए काए को खाली पीली मगज का दही कियेला है |सीदा सीदा बोल ना ...एक ही बार बोल ना ...EMI की 
                     माफिक इंस्टालमेंट  में काए  कू बात करेला |
   पंडित==         और अगर ऐसा हो जाता है तो तू दुनिया की सबसे खतरनाक शै हो जायेगा |लोग तुझसे डरेंगे ..तेरा खौफ 
                     खायेंगे |
   लक्ष्मन=      क्यों ,क्या मैं गोड जिल/ हो जायेगा या फिर किंग्कोंग...हाहा हा ...गंगू रामसे !!
   पंडित==      नहीं बेटा तेरी आँखों में वो अलोकिक शक्ति होगी कि लोग तेरी आँखों में अपना अतीत  देख सकेंगे |अपना past
                     देख सकेंगे ..अपने पाप देख सकेंगे ऑर फिर [बाबा दीर्घ सांस लेकर चुप होते हैं ]
                         [लक्ष्मन ऑर मीरा  के चेहरे फक्क पड़ जाते हैं ]
   लक्ष्मन==       ऑर फिर ?
   पंडित==     फिर वही पापी लोग तेरे दुश्मन बन जायेंगे |तुझे ख़तम करना उनकी मजबूरी हो जायेगा ...सो शुरू होंगी तेरी 
                     हत्या की साजिशें |
   लक्ष्मन==      ओ बाबा मैं तेरे पाँव पढ़ता ...अपना हेड [लक्ष्मन साष्टांग लेटता  है ]तेरी चोखट पर रखता ...काए को सारी  
                     suspense हार्रोर फिल्में  मेरे अंदर डालता ...मैं तुम्हेंरे को मिक्सेर grinder नजर आता क्या |
   मीरा==        पर बाबा ,लोग इसे क्यों मारना चाहेंगे ?
   पंडित==        क्योंकि उन्हें डर होगा कि कहीं ये उनके भेद न खोल दे ,उनके राज़ किसी ऑर को न बोल दे |
   मीरा==         पर यह ऐसा क्यों करेगा ?
   पंडित==         ये ऐसा ही करेगा |प्रभु लीला का रंग इसपे ऐसा चडेगा कि यह एक एक पापी का वध करेगा ...ऑर दुश्मन 
                       इससे  बचने की खातिर  इसकी हत्या ...
   लक्ष्मन=        मीरा !गेट अप -मूव ...भोत बड़ा छोडू है ये पंडित ..मैं इसे  नेक (गर्दन ) से पकडा न ..इसको पिक्केल(अचार )
                      बोला न ..तबीच ये मेरी क्लास  लेयेला ..अब यह प्रभु बी बीच में  घुसेडेला..
                        [लक्ष्मन मीरा को खींचकर दूर ले जाने की कोशिश करता है ]
  मीरा===            मगर ..[मीरा आस भरी निगाहों से मुड़ कर पंडित को देखती है]..कोई उपाय  तो होगा पंडित जी ?
  पंडित==            उपाय उस उपर  वाले के पास [शुक्राचार्य ऊँगली आसमान की तरफ खड़ी करते हैं ]..उपाय उस राम के पास 
  लक्ष्मन==          बोले तो रामानंद सागर का अरुण गोविल भी मेरे भितेर(अंदर ) डाल दिया |
  पंडित===       बेटा ,अगर राम इछा हुई तो तुझे मुक्ति मिलेगी |नहीं तो मौत तो तेरी पक्की ..माशूका के हाथों न मरा तो 
                        ज़माने के हाथों मरेगा |ज़माने के हाथों न मरा तो हालातों  के हाथों  मरेगा ..
  लक्ष्मन==         रिमेम्बर !अगर तुमेरी बातों में सच्चाई हुई न ..तो मैं तुमेरा  बी आके  मर्डर  करेगा ..फिर देखता तुम कैसे 
                       लिखता ग्रन्थ ..कैसे लिखता हमेरे सात जन्मों  की कहानी ..खड़े खड़े तबाह कर डाला तुम  मेरे कू ..खड़े पैर 
                      जिबह कर डाला  तुम मेरे कू ..सारे सपने सब अरमान पल में झंड कर डाला  तुम ..[लक्ष्मन का गला भर्रा   
                       उठता है ]
                      
  To Read further Episodes  Click below link and then LuckiRam Part2