"मैडम,ऑपरेशन शुरू होने वाला है |बलबीर शर्मा जी को अनस्थीसिया दिया जा चुका है |दिमाग सुन्न हो रहा है "
"हूँ |" वो महिला बोली," जब तक ऑपरेशन हो ना जाये तुम बाहर मत आना |ऑपरेशन के बाद ही बताना कि मेरे
पति के दिमाग में वो काला सा धब्बा क्या है ?"
"जी !"लूका सकपकाता हुआ चला गया |
०००
"नमस्कार रानी साहिबा !"विडियो ग्राफेर सर झुकाता बोला ,"माफ़ कीजियेगा ,जरा आने में देर हो गयी "
जरा !तुम आधा घंटा लेट हो |मैंने तुम्हे १२.३० तक पहुँचने का हुकम दिया था "
' सॉरी रानी साहिबा १रास्ते में टायर बर्स्ट हो गया ,इतनी रात गए ना कोई puncture वाला मिला ,ना कोई mechanic
stupney बदलने का टाइम ही ना मिला ..पैदल ही भागता चला आ रहा हूँ |'
"गो गो, याद है ना तुम्हे अंदर होते ऑपरेशन कीं dvd बनानी है ओर यह बात किसी को नहीं बतानी है |'
०००
"डॉक्टर !इतना मोटा स्पोट ,इतनी बारीक नस में से बाहर आ जायेगा |अभी तो यह स्पोट दिमाग के खून में मोजूद
है |नस तक पहुँचते ही यह वहां रुक जायेगा ,जैसे सीवर लाइन के बाहर कूड़ा जमा होता है \"
'lets see what is going to be happened ?
'नो !'एकाएक यह चीख गूंजी \
'impossible !What the hell this!'
'बचाओ !'दो नर्सें यकायक कानो पे हाथ रखती चीखी /
'माय गोड!यह क्या है डॉक्टर !'
जवाब किसी के पास ना था पर ऑंखें जान चुकी थी \
ट्रे में काला धब्बा खुल्लता हुआ ,ऊपर की तरफ गर्दन उठाये खड़ा था \उसका पिछला हिस्सा बिछू की तरह
विपरीत दिशा में खुल रखा था \
०००
व्हाट !यह क्या कह रहे हो लूका ..बलबीर के दिमाग में कीड़ों की खान ..'
'मैंने जो देखा वही बताया रानी साहिबा ..आगे क्या हुकम है ..'
'यह राज़ किसे ओर के कान तक नहीं पहुंचना चाहिए ..संमझे'
०००
'तड..तड ..सॉरी दोस्तों !सबूत कोई नहीं छोड़ना है मुझे ..कि कोई ऑपरेशन हुआ था !कोई कीड़ा निकला था \कोई हादसा
हुआ था ..वर्ना रानी साहिबा को इलेक्शन जीतने में मुश्किलें आएँगी ..तड तड '
भड़ाम..तभी कोई गोली गैस cylinder पे लगी ओर आग बनी \
सभी आग के बादल में खो गए ]
०००
तभी आग की लपटों में घिरा cameraman बाहर आया ओर सड़क की तरफ भागा कि एक पागल सा युवक उसके पास
पहुंचा ओर कैमरा मांगने लगा \
धडाम ..तभी कैमेरामन गिरा ओर ..
पांच साल बाद 000
डिटेक्टिव अर्जुन को किसी राखी का फोन आया है जिसमे कोई काली नाम का सय्य्को किलर उसे १२:४० तक मार देना चाहता है .वो पहले भी ६ लड़कियों का खून कर चुका है \अत्तः अर्जुन उसे बचाने के लिए तेजी से गाडी भगाए जा रहा है कि
अचानक एक बच्चा आगे आ जाता है ओर भीषण एक्सिडेंट होता है \
पुलिस दोनों को हॉस्पिटल पहुंचाती है \
जहाँ लड़का बच नहीं सकता ओर अर्जुन को बचने के लिए खून चाहिए \
मजबूरन डोक्टर्स अर्जुन को उसी बच्चे का ही खून चडाते हैं
०००
'मनी राम !कितनी रकम चाहिए ?'
रानी साहिबा इस बार यह काम रकम से नहीं होगा \ऊपर से आर्डर है में कुछ नहीं कर सकता /'
'ऊपर कोन है तुम्हारे ..SHO देवी दयाल ..उसके ऊपर DCP कालरा ..उसके ऊपर commissioner संगरूर ..इससे ऊपर तो कोई नहीं है ना ..सब की कीमत बोलो ..कितनी रकम चाहिए ?'
'नो मैडम !इस बार दिल्ली के होम मिनिस्टर ने सीधा जवाब माँगा है ..जवाब क्या बल्कि आर्डर दिया है कि अगली बार gudgawan में कोई जवान लड़की आपके बेटे काली की वजह से मरी तो तबादला नहीं होगा ..सीधे बर्खास्तगी होगी \'
'मनी राम काली एक विक्षिप्त मरीज ..तुम रकम बढ़ा लो ..'
मैडम मेरा आपसे निवेदन है कि इस बार आप अपना चढ़ावा माँ वैष्णो के चरणों में रखें या माँ काली के चरणों में डालें
\फिर उन देवियों से अपने काली के प्राणों की भीख मांगें ..उसकी विक्षिप्तता का छुटकारा मांगे \अगर इस बार काली
कोई क़त्ल कर बैठा ना ..तो कानून आपका वो साथ ना दे पायेगा जो अब तक देता आया है ..'
'मनीराम ००० !
'मैडम मुझे जो कहने के लिए कहा गया था ,वो मैंने कह दिया '
'कमाल है जिस काली को मैं चार साल पहले रमैया के साथ जिन्दा दफना चुकी हूँ वो भला हत्याएं कैसे कर सकता है?'
य..य ..यह क्या कह रहीं हैं आप ..पिछले एक साल से आप हमें रिश्वत खिला रहीं है यह कहकर कि आपका बेटा काली ही
यह हत्याएं कर रहा है ओर अब ..'
हो सकता है अर्जुन ही यह हत्याएं कर रहा हो '
अब आप कानून को फिर गुमराह कर रहीं हैं ..
'मनीराम औरत ओर गिरगिट में यही फर्क होता है /गिरगिट जरूरत के हिसाब से रंग बदलती है ओर औरत रंग के हिसाब
से जरूरत बदल लेती है '
'जाओ राखी मरी नहीं है अभी तक ..१२:४० तक जो भी उसका हत्यारा होगा ,सामने आ जायेगा \'
०००
'ड्राईवर 'रानी साहिबा ने जोरदार आवाज़ लगाई\
ड्राईवर गाडी ले आया \
लूका ने अपने साथियों सहित गाडी में घुसना चाहा\
'सिक्यूरिटी नहीं चाहिए '
जी मैडम 'लूका सर झुकाता पीछे हो गया \
ड्राईवर ने बाहर निकलकर अदब से गाडी का पिछला दरवाजा खोलना चाहा
ड्राईवर भी नहीं चाहिए 'कहती रानी साहिबा driving सीट पर सवार हुई ,'तुम सब यहीं रहोगे -ओर किसी को नहीं पता
लग्न चाहिए कि मैं कहीं गई हूँ '
फिर वो निकल गयी /
तभी दूर कहीं छिपी ओमनी निकली ओर उसकी गाडी का पीछा करने लगी \
०००
उधर मनीराम राखी को मिलता है जो अर्जुन की दुर्घटना की खबर सुन हॉस्पिटल जा रही होती है \
दोनों साथ निकलते है \
०००
'हाँ तो अर्जुन एक्सिडेंट कैसे हुआ था ?'
'शायद अँधा हो गया था उस वक्त/ याद नहीं आ रहा कुछ '
'मतलब !'इंस्पेक्टर मुखी बोला
'मतलब तुम्हे भी तो किसी ने बताया होगा कुछ कि कैसे हुआ था एक्सिडेंट?''
'बल्ले!गाडी तुम ठोको \बच्चा तुम उडाओ\ वजह मैं बताऊँ कि आप शायद उस वक्त अंधे हो गए थे य फिर ..'
'मेरी आँखों के सामने अँधेरा छा गया होगा 'अर्जुन ने उसे राय दी
'विल यू प्लीज़ shutup now ..तुम्हे पता है एक मासूम मारा गया है ओर तुम उसी की वजह से जिन्दा हो क्योंकि ..'
'मेरी रगों में ४०० सी सी खून उसी का ही दौड़ रहा है ..तो क्या मेरा फर्ज नहीं बनता कि उस बच्चे के लिए कुछ
करूं \कुछ क्या -फांसी चढ़ूँ \क्यों -तुम लिखो मैं ही उसका हत्यायरा हूँ 'इसके बाद उसने इंस्पेक्टर से कार्ड बोर्ड
खींचा ओर प्लेन पेपर पर sign कर दिए \ To be Continued...